कुण्डली के विभीन्न रूप
Type of Birth-chart
प्राचीन भारत मे कुण्डली के बहुत प्रकार के रूप प्रचलित थे
जिनसे जातक
के बारे मे अलग अलग जानकारीया प्राप्त की जाती थी ।
आजकल
लग्न कुण्डली
Lagna- kundali
चंदर कुण्डली
Chandra - kundali
नवांश कुण्डली
Navansh- kundali
दशमाश कुण्डली
Dashmash- kundali
ज्यादा प्रचलन मे है
लग्न कुण्डली ---मे सभी ग्रहो को स्थित करने के लिए ।
जो राशि जातक के जन्म समय पूरव मे उदित हो रही होती है
उसे प्रथम भाव (first house)मे लिखा जाता है उसी राशि मे लग्न माना जाता है ।
उस राशि मे जो ग्रह उदित हो रहा है वह लग्न भाव मे लिखा जाता है ।
उस के उपरान्त बाकी के ग्रहो को क्रमसे अलग अलग राशियो मे लिखा
जाता है । जिस का पता हमे पंचाग से या जंतरी से चलता है ।
जन्म के समय जो ग्रह जिस राशि मे होता है
उसे उसी राशि के भाव मे लिखा जाता है ।
Lagna- kundali
Chandra - kundali
Navansh- kundali
Dashmash- kundali
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