Skip to main content

Contact Rohnish Astrology

वर्तमान ,ध्यान और ज्योतिष । Present, Meditation and Astrology .











ऊँ नमः शिवाय । 

नमस्कार मित्रों ।

मुख्यतः संसार मे लोगो को

 तीन वर्गो मे बाँटा जा सकता है ।

पहले वर्ग 

मे बहुत कम लोग होते है जो

अपने वर्तमान    से खुश है ।

दूसरे वर्ग

मे अधिकतर लोग हमेशा कमी ही महसूस करते है ।

और जाने-अनजाने अपने दुःख को बड़ा लेते है ।

पहला वर्ग  

जो लोग खुश है वो ज्यादा तर वर्तमान मे रहने वाले होते


है और जाने-अनजाने मे लोगो की मदद कर पाते है

और

अपने सु:ख को बड़ा पाते है ।








तीसरे वर्ग

के लोग इन दोनो वर्गो के लोगों मे इधर-उधर होते रहते
है।
और कभी खुश और कभी उदास होते रहते है ।

धीरे-धीरे यह कर्म आदत बन जाती है ।

फिर यह आदत अपने आप जारी रहती है ।

इंसान यह समझ नही पाता की उसके साथ क्या हो रहा है ।

वह दूसरे लोगो पर इसकी जिम्मेवारी डाल देता है ।

और इंसान एक वर्तूल मे घूमने लगता है ।

ध्यान भी एक मार्ग है ।

ध्यान की विधियो का इस्तेमाल करके विवेक को जगा कर

साक्षी भाव मे इस वर्तूल से बाहर निकला जा

सकता है ।
ज्योतिष के सहयोग से यह जाना जा सकता है कि

जीवन के किस पडाव पर वो स्थिति बनेंगी जब इंसान

अपने ग्रहों का साथ पाकर इस वर्तूल को भेद सकता है।

                   बम बम भोले।।

                       धन्यवाद् ।।

Popular posts from this blog

आयो जाने अपनी राशि कौन-सी है और कैसे राशि कैसे देखे ? Know About your Rashi .

आयो जाने अपनी राशि कौन-सी है और कैसे राशि कैसे देखे ? Know About your Rashi,            ऊँ नमः शिवाय। प्रणाम मित्रो। अकसर यह देखा जाता है कि कुछ लोगों को कौन-सी राशि देखे इस का ज्ञान कम होता है । तो निम्न लिखत प्रशन उन के मन मे आते है  जन्मदिन से राशि कैसे जाने ,       नाम से कैसे जाने राशिफल, नाम के पहले अक्षर से जाने  ,        राशि की जानकारी हिंदी में, नाम के पहले अक्षर से जाने राशि,          राशि का निर्धारण कैसे करे, नाम राशि का प्रभाव,                राशि नाम बय डेट ऑफ़ बर्थ   इसलिए आज हम इस बारे में बात करते है । बहुत नाम है जैसे  जन्म राशि, नाम राशि, चन्द्र राशि,सूर्य राशि । जन्म राशि : - birth chart जन्म समय जो राशि जन्म कुण्डली के प्रथम भाव में हो वही राशि होती है जन्म राशि । चन्द्र राशि : - Moon sign जन्म कुण्डली में चन्द्र जिस राशि में हो वही राशि होती है चन्द्र राशि, नाम राशि। इस राशि के आधार पर ही जातक का नाम रखा जाता है ।  नाम के पहले अक्षर से जाने    भारतीय ज्योतिष में चन्द्र राशि को ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है । सूर्य राशि : - Sun sign जन्म कुण्डली में सूर्य जि

लग्न कुण्डली और चंदर कुण्डली Lagna kundali and Chandra kundali

Rohnish Astrology Book Appointment लग्न कुण्डली और  चंदर कुण्डली                     Lagna kundali and Chandra kundali कुण्डली के विभीन्न रूप -- भारतीय ज्योतष types of kundali लग्न कुण्डली (  Lagna kundali  )  मे सभी ग्रहो को स्थित करने के लिए । जो राशि जातक( To whom birth-chart is related ) के जन्म समय  पूरव मे उदित हो रही होती है उसे प्रथम भाव ( first house )मे लिखा जाता है  उसी राशि मे लग्न माना जाता है ।  First house प्रथम भाव , लग्न भाव Lagna bhaav. उस के उपरान्त बाकी के ग्रहो को क्रमसे अलग अलग  राशियो मे लिखा दिया जाता है ।        जिस का पता हमे पंचाग से या जंतरी से चलता है ।  जन्म के समय जो ग्रह जिस राशि मे होता है  उसे उसी राशि के भाव मे लिखा जाता है ।  More Information @ Rohnish Astrology Book Appointment उदाहरण नीचे चित्र  ः  लग्न कुण्डली मे चन्द्र  शनि ग्रह के साथ तुला  राशि मे  और सातवे भाव मे है । लगन राशि मेष है ।   चंदर कुण्डली     ( Chandra kundali  )  चंदर लग्न कुण्डली मे जिस भाव मे होता है उसे राशि सहित (सारी कुण्डली को घुमा

गुरु यानी बृहस्पति ग्रह के उपाय, उच्च एव नीच।

                                               ज्योतिष से जान सकते है अपनी शिक्षा का स्तर । गुरु या बृहस्पति ग्रह एक शुभ ग्रह है । बृहस्पति की दो राशियाँ होती है धनु और मीन। बृहस्पति की उच्च राशि कर्क होती है ।  नीच राशि मकर होती है। जन्म कुण्डली मे बृहस्पति के अशुभ प्रभाव :- शिक्षा मे विध्न पडना।  खर्च , व्यय अधिक होता है ।  सर के बाल झड़ जाते है या झड़ने लगते है ।  धर मे कल्ला कलेष रहता है । सोना चोरी हो जाता है या गुम होता है । मुह से गलत शब्द निकलते है । अपमान का डर बना रहता है । बृहस्पति के उपाय :- विष्णु जी की आराधना करे। पंडित पुरोहितो का सम्मान करे। माथे पर केसर का तिलक लगाए। पुखराज भी धारण कर सकते है । आन्नद,शान्ति और बहुत कुछ मिलता जरा यह करके तो देखो दान :- धार्मिक पुस्तक केले पीले वस्त्र  केसर मंत्र :- ऊँ व्री वृहस्पतये नमः मंत्र का जाप 108 बार ।