सफलता का राज
क्या आपने कभी सोचा है कि एक सफल व्यक्ति कि
सफलता के क्या कारण होते है ।
ओर क्या हो सकते है ।
एक सफल व्यक्ति किस कारण से सफल माना जाता है
क्यो किसी व्यक्ति को सफल कहा जाता है ।
सफलता का मापदंड क्या है ।
बहुत से प्रश्न उत्पन होते है ।
पहला दृिष्टीकोण
आज के समय मे सफल उसे माना जाता है जिस के
पास उपभोग की वस्तुए अधिक हो , पैसा बहुत अधिक मात्रा मे हो
उसका रहन सहन राजाओ जैसा हो , गाडिया घर बंगले इन वस्तुए
से किसी की सफलता का अनुमान लगाया जाता है ।
और इसे आज का आधुनिक समाज ठीक मानता है ।
लेकिन
जब कोई सफल व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है और आखरी पत्र मे
धन दौलत का आभाव या पैसे का दबाव जैसी बातो को सार्वजनिक
करता है तो कही ना कही पैसे के बल पर आई सफलता पर शक
होता है ।
और दूसरी ओर एक निर्धन व्यक्ति गरीबी मे भी खुश रह पाता है ।
मेरे अपने अनुभव से
हर व्यक्ति का सफलता का अपना राज होता है उसके खुश या
उदास होने के उस के अपने ही तरीके होते है
कुछ लोग दुसरो को देख के उनकी सफलता को देख
जीते है अपने गोल या लक्ष्य तय करते है और वही कुछ लोग
अपनी चादर देख के पैर पसारते है थोडे मे खुश रहते है या रह लेते है ।
दुसरा दृिष्टीकोण
किसी भी कार्य मे सफलता पाना कार्य करने वाले कि मेहनत और
लगन पर निर्भर करता है आप किसी कार्य मे भी सफल हो सकते है
शर्त छोटी सी है वो कार्य आप की
पसंद होना चाहिए , आप के अंदर
से उस कार्य को कर के आत्मगिलानी का अनुभव नही होना चाहिए
तीसरा दृिष्टीकोण
कोई भी कार्य हो आप को पसंद हो या ना हो पर आप उस मे
सफलता चाहते हो तो आप को कठिन से कठिन समय मे भी
उस कार्य की रूपरेखा नही भुलनी होगी आप का सतत
प्रयास उसमे सफलता अवश्या ही पैदा कर सकता है और आप का
संक्लप आप को सपलता की ओर ले जाता है ऐसा मेरा विश्वास है ।
सफल होने के कुछ बिन्दु
1 सोचो कम
2 एक समय पर एक कार्य पर ध्यान केंद्रित करो
3 कार्य मे विफलता का सर्मण मत करो
4 सतत प्रयास करो
अगर कार्य मे ग्लानी का अनुभव होता है फिर भी कार्य करना है
तो कार्य तो सफल हो जाएगा सतत प्रयास से
पर तुम्हे पश्चाताप को अनुभव होता रहोगा ।
ऐसा कार्य मेरे अनुभव से तभी मन मे आता जब किसी के
बहकावे मे कार्य करते है
उदार का विचार पर कार्य और किसी के सपने को पूरा करना
पर ग्लानी भाव का अनदेखा नही करना चाहिए ।
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